चिल्का झील किस नदी पर है:- चिल्का झील, जिसे भारत की सबसे बड़ी तटीय झील के रूप में जाना जाता है, उड़ीसा राज्य (ओडिशा) में स्थित है। यह खारे पानी की झील बंगाल की खाड़ी के तट पर फैली हुई है और यह देश की सबसे प्रसिद्ध प्राकृतिक सुंदरता और जैव विविधता से भरपूर जलाशयों में से एक है। चिल्का झील काफ़ी बड़ी है और यह 1,100 वर्ग किलोमीटर से अधिक क्षेत्र में फैली हुई है, जिसका आकार मौसम और जल स्तर के अनुसार बदलता रहता है। यह झील न केवल अपनी सुंदरता के लिए जानी जाती है, बल्कि यहां पर देश-विदेश से आने वाले प्रवासी पक्षियों की बड़ी संख्या भी आकर्षण का केंद्र होती है। लेकिन एक प्रमुख सवाल यह उठता है कि चिल्का झील किस नदी पर स्थित है या इसका मुख्य जल स्रोत कौन-सी नदी है?
चिल्का झील का जल स्रोत:
चिल्का झील के जल स्रोत को लेकर यह बात महत्वपूर्ण है कि यह किसी एक मुख्य नदी पर निर्भर नहीं है, बल्कि विभिन्न छोटी-बड़ी नदियों, नालों और स्थानीय जल निकायों से इसका जल संग्रह होता है। हालाँकि, प्रमुख रूप से चिल्का झील का जल संग्रहण महानदी नदी द्वारा होता है। मahanadi भारत की प्रमुख नदियों में से एक है जो उड़ीसा राज्य के भीतर बहती है और अंततः बंगाल की खाड़ी में मिलती है।
महालपुरम में स्थित महानदी का डेल्टा चिल्का झील में जल की प्रमुख आपूर्ति करता है। इसके अलावा, दया नदी भी झील में जल का एक महत्वपूर्ण स्रोत मानी जाती है। दया नदी महानदी की सहायक नदी है, जो कटक के पास महानदी से निकलकर चिल्का झील में गिरती है। दया नदी के साथ-साथ अन्य छोटी नदियाँ भी इस झील में जल आपूर्ति करती हैं।
झील की संरचना और जलधारा:
चिल्का झील का एक विशेष गुण यह है कि यह खारे पानी की झील है। बंगाल की खाड़ी से इसका प्राकृतिक संपर्क इसे समुद्र से जुड़े रखता है और समुद्री जल के प्रवाह के कारण यह झील खारी रहती है। हालांकि, झील का उत्तरी भाग मुख्य रूप से मीठे पानी से युक्त होता है जो प्रमुखत: महानदी और दया नदी से आता है, जबकि दक्षिणी और पूर्वी भाग में खारे पानी का प्रभुत्व होता है, जो बंगाल की खाड़ी से आता है।
इस प्रकार, चिल्का झील का जल मिश्रित होता है, जिसमें खारा और मीठा पानी दोनों का संतुलन होता है। इस जल मिश्रण का मुख्य कारण न केवल महानदी और दया नदी हैं, बल्कि बंगाल की खाड़ी से समुद्री जल का लगातार प्रवेश भी है। इसी कारण से चिल्का झील को “लैगून” या “खारे पानी की झील” कहा जाता है।
चिल्का झील का पारिस्थितिकी तंत्र:
चिल्का झील का पारिस्थितिकी तंत्र काफ़ी समृद्ध और विविधतापूर्ण है। झील के भीतर और इसके आसपास विभिन्न प्रकार के जलचर, पक्षी, और अन्य जीव-जंतु पाए जाते हैं। यह झील प्रवासी पक्षियों के लिए शीतकालीन समय में महत्वपूर्ण ठिकाना बनती है, जहां लाखों की संख्या में पक्षी विभिन्न देशों से आकर बसते हैं। इसके अलावा, यहां पर डॉल्फिन भी देखी जा सकती हैं, खासकर चिल्का झील के सतपदा क्षेत्र में।
झील के पारिस्थितिकी तंत्र की समृद्धि का एक मुख्य कारण इसका जल स्रोत और इसका मिश्रित खारापन है। मीठे और खारे पानी का यह मिश्रण मछलियों और अन्य जलीय जीवों के लिए उपयुक्त वातावरण तैयार करता है, जिससे यह एक समृद्ध जैव विविधता का केंद्र बनता है।
चिल्का झील का ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व:
चिल्का झील न केवल प्राकृतिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि इसका ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व भी अत्यधिक है। प्राचीन काल से लेकर अब तक यह झील व्यापार और यात्रा के लिए महत्वपूर्ण रही है। इसका उपयोग समुद्री मार्ग के रूप में किया जाता रहा है और यहां के आसपास के क्षेत्रों में कई बंदरगाह भी स्थापित थे। इसके अलावा, चिल्का झील उड़ीसा की स्थानीय संस्कृति और परंपराओं से भी जुड़ी हुई है।
चिल्का झील के किनारे बसे विभिन्न गांवों और कस्बों की स्थानीय जनजातियों की आजीविका मछली पकड़ने, कृषि, और पर्यटन पर आधारित है। इस क्षेत्र में जल संस्कृति का गहरा प्रभाव है और यहाँ पर विभिन्न धार्मिक अनुष्ठान और उत्सव भी मनाए जाते हैं, जिनमें झील की पूजा की जाती है।
वर्तमान में चिल्का झील की स्थिति:
हाल के वर्षों में चिल्का झील को विभिन्न पर्यावरणीय चुनौतियों का सामना करना पड़ा है। शहरीकरण, उद्योगों से निकलने वाले कचरे, और जल प्रदूषण ने झील के पारिस्थितिकी तंत्र को प्रभावित किया है। हालांकि, झील को संरक्षित करने के लिए कई परियोजनाएं और योजनाएं लागू की जा रही हैं।
झील का संरक्षण न केवल पर्यावरण के दृष्टिकोण से, बल्कि इसके आर्थिक महत्व के कारण भी अत्यंत आवश्यक है। चिल्का झील मछली पालन, पर्यटन, और स्थानीय समुदायों की आजीविका के लिए एक महत्वपूर्ण स्रोत है। सरकार और विभिन्न गैर-सरकारी संगठनों द्वारा झील की स्वच्छता और संरक्षण के लिए प्रयास किए जा रहे हैं।
निष्कर्ष:
चिल्का झील अपने अद्वितीय प्राकृतिक सौंदर्य और जैव विविधता के कारण एक महत्वपूर्ण स्थान रखती है। यह झील मुख्य रूप से महानदी और दया नदी पर निर्भर करती है, लेकिन इसका खारापन बंगाल की खाड़ी के संपर्क के कारण होता है। इसका जल स्रोत विभिन्न नदियों और जलधाराओं से आता है, जो झील को जीवनदायिनी बनाते हैं।
चिल्का झील का पारिस्थितिकी तंत्र विभिन्न जीवों और पक्षियों का घर है और यह झील प्रवासी पक्षियों के लिए एक महत्वपूर्ण स्थल है। इसके अलावा, इसका सांस्कृतिक और ऐतिहासिक महत्व भी अत्यधिक है।
वर्तमान में, झील के संरक्षण के लिए कई प्रयास किए जा रहे हैं ताकि इसका प्राकृतिक सौंदर्य और जैव विविधता बनी रहे।