नमस्कार दोस्तों आज इस आर्टिकल के जरिए में आपको बताने वाला हूं कोएक्सिअल केबल क्या है? दरअसल high frequency सिग्नल को पास करने के लिए कोएक्सिअल केबल का इस्तेमाल किया जाता है। यह एक तरह की transmission तार होती है।
घरों में टीवी सेटअप बॉक्स को इंस्टॉल करते समय जिस पतली एंटीना जो सितार का इस्तेमाल किया जाता है वह एक तरह की कोएक्सियल केबल होती है। हाई सिग्नल प्राप्त करने के लिए अधिकतर घरों में Coaxial Cable से ही Setup Box और एंटीना को जोड़ा जाता है।
या एक तरह के high-frequency वाले केबल जैसी दिखने वाली तार होती है। अगर आपको को कोएक्सिअल केबल के बारे में अधिक जानकारी नहीं है तो आज कि यह पोस्ट आपके लिए बहुत ही ज्यादा मददगार होने वाली हैं। अगर आप Coaxial Cable के बारे में पूरी जानकरी प्राप्त करना चाहते हैं तो आपको यह लेख अंत तक पढना होगा।
Coaxial Cable Kya Hai
Coaxial Cable एक प्रकार की Electric Cable है, जहां पर high-frequency की जरूरत पड़ती है वहां पर कोएक्सियल केबल का इस्तेमाल किया जाता है। विभिन्न नेटवर्किंग डिवाइस को आपस में जोड़ने के लिए इस केबल का इस्तेमाल किया जाता है।
इसकी संरचना को समझे तो यह एक तांबे से बना हुआ चार परतों वाला तार होता है। केबल का जो बीच का हिस्सा होता है जो सिग्नल को transmission करता है वह पतली कॉपर या तांबा तार का बना हुआ है। फिर इस तार के ऊपर प्लास्टिक की परत होती है। और फिर इस परत (लेयर) के ऊपर और दो रबर की परत होती है। केबल के अंतिम भाग में तांबे या कॉपर से बना हुआ तार निकला होता है जिसे हम बिजली के उपकरणों में लगाते हैं।
अधिकतर TV या Setup Box में कोएक्सिअल केबल का उपयोग किया जाता है ताकि चैनलों को चलाया जा सके इसके अलावा VCR को TV से कनेक्ट करने के लिए, और एंटीना को TV या डिजिटल Setup Box से जोड़ने के लिए कोएक्सिअल केबल का इस्तेमाल किया जाता है।
Coaxial Cable की आतंरिक संरचना
कोएक्सिअल केबल चार परतों से मिलकर बना होता है –
- कोएक्सिअल केबल का सबसे आंतरिक हिस्सा Copper Wire (ताम्बे के तार) से बना होता है। यह कोएक्सिअल केबल का मुख्य भाग होता है जिसे किसी भी उपकरण (Device) के साथ जोड़ा जाता है।
- इस Copper Wire के ऊपर एक Insulator (विद्युतरोधी) की लेयर बनी होती है।
- इंसुलेटर के ऊपर एल्युमीनियम या तांबे की कवच होती है।
- सबसे बाहर प्लास्टिक और रबर का एक लेयर लगा होता है जो कि कोएक्सियल केबल के सुरक्षा के लिए होता है।
Coaxial Cables की श्रेणी
कोएक्सियल केबल को कई सारे श्रेणियों में विभाजित किया गया है। Radio government (RG) के अनुसार Coaxial cables की मुख्य तीन श्रेणी है –
RG – 59: इस केबल की impedance 75W होती है और इसका इस्तेमाल अधिकतर cable TV में उपयोग किया जाता है।
RG – 58: इस कोएक्सियल केबल की impedance 50W होती है, और इसे मुख्य रूप से thin Ethernet transmission करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है।
RG – 11: इस केवल की impedance 50W होती है और इसे thick Ethernet transmission में उपयोग किया जाता है।
Coaxial Cable का उपयोग
कोएक्सियल केबल तार जैसा दिखने वाला हाई फ्रिकवेंसी को transmit करने वाला केबल होता है। जिसका इस्तेमाल हाई फ्रिकवेंसी transmission करने के लिए किया जाता है। नेटवर्किंग जैसे जगहों में कोएक्सियल केबल का इस्तेमाल किया जाता है। ज्यादातर antenna को TV या digital setup box से जोड़ने के लिए इस केबल का उपयोग किया जाता है।
- सेट टॉप बॉक्स को टीवी से कनेक्ट करने के लिए कोएक्सियल केबल का इस्तेमाल किया जाता है।
- VCR को TV से जोड़ने के लिए कोएक्सियल केबल का उपयोग किया जाता है
- Computer में इंटरनेट कनेक्शन के लिए कोएक्सियल केबल का उपयोग किया जाता है।
- Security System में कोएक्सियल केबल को इस्तेमाल किया जाता है।
- घरों में टीवी सिग्नल के लिए Shared Cable Network में कोएक्सियल केबल को इस्तेमाल किया जाता है।
- Digital Telephone Network में कोएक्सियल केबल का उपयोग किया जाता है।
Coaxial Cable के प्रकार
कोएक्सियल केबल मुख्य रूप से दो प्रकार के देखे जाते हैं पहला Thiknet Core और दूसरा Thinnet Core
ThikNet Core Coaxial Cable – इस cable में copper से बनी हुई metal insulator core (inner conductor) की मोटाई अधिक होती है, जो इसकी frequency speed को काफी high बनाता है। इसकी मोटाई के कारण इसकी signal का transmit 500 मीटर तक आसानी से हो सकता है।
Thinnet Core Coaxial Cable – इस तरह के कोएक्सियल केबल में मेटल इंसुलेटर कोर की मोटाई कम होती है, जिसके कारण इस केबल की फ्रीक्वेंसी ThikNet Core कोएक्सियल केबल की तुलना में काम होती है। इस केबल से लगभग 200 मीटर तक signal को आसानी से transmit किया जा सकता है।
Coaxial Cable के लाभ
- कोएक्सियल केबल के जरिए हम किसी भी सिगनल फ्रिकवेंसी को काफी दूर तक transmit कर सकते है।
- इस केबल से high-frequency को transmit करना काफी आसान हो जाता है।
- इस cable में Electric Magnetic Interference और Radio Frequency Interference बहोत कम होती हैं।
- इस केबल की bandwidth काफी अधिक होती हैं।
- कोएक्सियल केबल में आपको high transfer rates देखने को मिलता है।
- high frequency applications में कोएक्सियल केबल का इस्तेमाल किया जाता है।
Coaxial Cable के हानि
- अन्य केबल के तुलना में कोएक्सियल केबल का भार (weight) बहुत अधिक होता है।
- यह केवल नॉर्मल केबल की तुलना में बहुत अधिक महंगे होते हैं।
- सिगनल ट्रांसमिशन के दौरान इस केबल में T-joint का इस्तमाल कर इसमें छेड़ छाड कर सकते हैं।
- कोएक्सियल केबल के अंदर सिर्फ एक ही तांबे का तार होता है यदि किसी कारण से अंदर का तांबे का तार टूट जाता है तो पूरा नेट्वर्क ठप हो जाएगा।
- इसे ज़्यादातर जगहों में grounded करना आवास्यक होता है।
कोएक्सिअल केबल का इतिहास
Coaxial Cable का अविष्कार सबसे पहले इंग्लैंड के एक इंजिनियर और गणितज्ञ Oliver Heaviside ने 1880 में किया था। हाई फ्रिकवेंसी को transmit करने के लिए Oliver Heaviside ने ही सबसे पहले Coaxial Cable का सिधान्त पारित किया था। इसके बाद धीरे-धीरे समय के साथ कोएक्सियल केबल में बदलाव होते रहे और आज वर्तमान समय का कोएक्सियल केबल पहले जमाने के कोएक्सियल केबल की तुलना में कहीं गुना ज्यादा हाई फ्रिकवेंसी को transnit करने में सक्षम है।
कोएक्सिअल केबल से सम्बंधित सामान्य प्रश्न:
कोएक्सिअल केबल किससे बनी होती हैं?
कोएक्सिअल केबल को बनाने में तांबे और प्लास्टिक का इस्तेमाल किया जाता है। जिसमे चार परतें होती हैं दो सुचालक और दो कुचालक।
कोएक्सिअल केबल का आविष्कार किसने किया?
कोएक्सिअल केबल का अविष्कार सन 1880 में Oliver Heaviside ने किया था।
कोएक्सिअल केबल को किस नाम से जाना जाता है?
आमतौर पर कोएक्सिअल केबल को Coax के नाम से भी जाना जाता है
Coaxial Cable का कौन सा कैटेगॉरी cable TV में उपयोग किया जाता है?
Coaxial Cable RG – 59 को केबल टीवी और सेटअप बॉक्स को कनेक्ट करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है।
आखरी शब्द:
दोस्तों आज इस पोस्ट में मैंने आपको बताया कोएक्सियल केबल के प्रकार, उपयोग, फायदे के बारे में बताया है। हम आशा करते हैं इस पोस्ट को पढ़ने के बाद अच्छे से समझ गए होंगे कोएक्सियल केबल क्या है? अगर अभी भी आपके मन में Coaxial Cable को लेकर कुछ प्रश्न है तो आप कमेंट कर सकते हैं। यदि यह जानकारी आपको पसंद आई है तो आप इस पोस्ट को शेयर जरूर करें।
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