Monitor Kya Hai:- नमस्कार दोस्तो, क्या आप भी जानना चाहते है Monitor Kya hota Hai तो आज की यह आर्टिकल आपके लिए बहुत ही ज्यादा महत्वपूर्ण होने वाली है। यह यह देखने में टीवी की तरह होता है। कंप्यूटर माॅनीटर एक सबसे महत्वपूर्ण आउटपुट डिवाइस है। कंप्यूटर इनपुट डाटा को प्रोसेस करके आउटपुट डाटा को मॉनिटर पर प्रदर्शित करता है।
माॅनिटर द्वारा प्रदर्शित रंगों के आधार पर यह तीन प्रकार के होते है। मॉनिटर एक आउटपुट उपकरण है। इसे डिस्प्ले यूनिट भी कहते हैं। इसके बिना कंप्यूटर अधूरा है। यह आउटपुट डाटा को स्क्रीन पर एक इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस के रूप में प्रदर्शित करता है।
आपने एक वीडियो मॉनिटर जरूर देखा होगा यह एक तरह का डिजिटल स्क्रीन होता है। आज इस पोस्ट में हम आपको कंप्यूटर मॉनिटर के बारे में विस्तार से बताने वाले है जैसे Monitor Kya Hai, Monitor Kya Hota Hai, Monitor Kya Kaam Karta Hai, Monitor Ka Kya Kaam Hai, Monitor Kitne Prakar Ka Hota Hai, Computer Me Monitor Kya Hai, Computer Monitor Kya Hai, Led Monitor Kya Hai, LCD Monitor Kya Hai, Tft Monitor Kya Hai
Monitor Kya Hai ?
मॉनिटर एक कंप्यूटर आउटपुट डिवाइस है जो कंप्यूटर में इनपुट डेटा को प्रोसेस करके आउटपुट डाटा को कंप्यूटर स्क्रीन पर प्रदर्शित करता है। मॉनिटर को डिस्प्ले के रूप में भी जाना जाता है क्योंकि यह स्क्रीन पर जानकारी प्रदर्शित करता है। मॉनिटर कंप्यूटर का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, इसके बिना कंप्यूटर अधूरा है क्योंकि हम बिना मॉनिटर के कंप्यूटर को ऑपरेट नही कर सकते है।
सबसे पहले मॉनिटर को कंप्यूटर CPU के साथ कनेक्ट किया जाता है। मॉनिटर प्रोसेसर से जुड़े होते हैं, जब यूजर कंप्यूटर में इनपुट डाटा को दर्ज करता है या कीबोर्ड या माउस के माध्यम से तो कंप्यूटर डाटा को प्रोसेस करना शुरू कर देता है। और फिर डाटा प्रोसेस करने के बाद कंप्यूटर इसे text, photo और वीडियो के माध्यम से मॉनिटर स्क्रीन पर दिखाता है।
मॉनिटर का पूरा नाम (Monitor Full Form in Hindi)
कई लोग मॉनिटर को Screen या Display भी बोलते हैं लेकिन इसका वास्तविक नाम मॉनिटर है। मॉनिटर का Full-Form होता है – Machine Output Number Of Information To Organize Report
- M – Machine
- O – Output
- N – Number Of
- I – Information
- T – To
- O – Organize
- R – Report
Monitor Kya Kaam Karta Hai
मॉनिटर की मदद से ही हम कंप्यूटर पर सारे काम कर सकते हैं क्योंकि मॉनिटर स्क्रीन के बिना हमें कंप्यूटर पर कुछ भी दिखाई नहीं देगा। मॉनिटर कंप्यूटर के लिए स्क्रीन का काम करता है। इसकी मदद से गेम, ई-मेल भेजना और प्राप्त करना, डेटा एंट्री, वेब ब्राउजिंग और बिजनेस से जुड़ी तमाम गतिविधियां की जाती हैं।
- Gaming
- Data entry
- Word processing
- Web browsing
- Sending & Receiving emails
मॉनिटर कैसे काम करता है?
मॉनिटर एकता का विजुअल स्क्रीन है जिस पर कंप्यूटर उपयोगकर्ता आउटपुट डाटा को देख सकते हैं। Output डाटा को मॉनिटर स्क्रीन पर देखने के लिए सबसे पहले इसे कंप्यूटर सीपीयू के साथ कनेक्ट करना होता है। मॉनिटर को HDMI केबल या VGA केबल के द्वारा सिस्टम यूनिट से जोड़ा जाता है।
सिस्टम यूनिट में वीडियो कार्ड का उपयोग करके, सूचना को मॉनिटर में स्थानांतरित कर दिया जाता है, और इसकी स्क्रीन पर सूचना प्रदर्शित की जाती है। मॉनिटर तेजी से काम करता है, यह कंप्यूटर की सभी वर्तमान गतिविधियों को सीधे स्क्रीन पर प्रदर्शित करता है।
Monitor Kitne Prakar Ka Hota Hai ?
Monitor को इसके आकार बनावट तथा डिजाइन के अनुसार इसे कई सारे श्रेणियों में विभाजित किया गया है। वर्तमान समय में कई प्रकार के मॉनिटर स्क्रीन देखने को मिलते हैं जिसके बारे में हमने नीचे आर्टिकल में विस्तार से बताया है –
CRT (Cathode Ray Tube)
CRT मॉनिटर एक व्यापक रूप से इस्तेमाल किया जाने वाला मॉनिटर स्क्रीन है। मार्केट में LCD मॉनिटर आने से पहले CRT मॉनिटर का ही इस्तेमाल किया जाता है। यह मॉनिटर छवि प्रदर्शित करने के लिए कैथोड रे ट्यूब तकनीक का उपयोग करता है। CTR तकनीक का उपयोग टेलीविज़न शो बनाने के लिए भी किया जाता है।
कैथोड रे ट्यूब मुख्य रूप से एक वैक्यूम ट्यूब है। एक तरफ इलेक्ट्रॉन गन है और दूसरी तरफ फ्लोरोसेंट स्क्रीन है। आजकल इनका प्रयोग धीरे-धीरे कम होता जा रहा है, इसका मुख्य कारण यह है कि ये बहुत भारी और महंगे होते हैं। इसकी जगह हल्के और सस्ते मॉनिटर्स का इस्तेमाल किया जाता है।
LCD (Liquid Crystal Display)
जैसा कि हम जानते हैं कि सीटीआर मॉनिटर बहुत भारी होते हैं और अधिक जगह लेते हैं, लेकिन धीरे-धीरे तकनीक के विकास के साथ मॉनिटर के आकार में भी बदलाव आने लगा। CRT मॉनिटर के बजाय एलसीडी स्क्रीन का इस्तेमाल बढ़ने लगा। यह मॉनिटर स्क्रीन हल्का होता है।
LCD डिस्प्ले लिक्विड क्रिस्टल से बने होते हैं, ये पतले और हल्के होते हैं। इसलिए इन्हें रखने के लिए ज्यादा जगह की जरूरत नहीं होती है। इसे कम जगह में भी एडजस्ट किया जा सकता है।
एलसीडी स्क्रीन CRT की तुलना में कम बिजली की खपत करते हैं और कम गर्मी पैदा करते हैं। पहले एलसीडी स्क्रीन का इस्तेमाल लैपटॉप में किया जाता था, लेकिन अब एलसीडी स्क्रीन का इस्तेमाल डेस्कटॉप कंप्यूटर के लिए भी किया जाता है।
LED (Light Emitting Diode)
LCD की तरह LED भी किनारे से सपाट और थोड़ी मुड़ी हुई होती है, जो आज बाजार में आसानी से उपलब्ध है। एलईडी बैकलाइट को पावर देने के लिए डायोड का उपयोग किया जाता है। यह CRT और LCD की तुलना में कम बिजली की खपत करता है, और उनसे अधिक टिकाऊ होता है। एलसीडी और एलईडी मॉनिटर का आकार और डिजाइन बिलकुल एक जैसा ही होता है।
SSD (Surface Conducted Electron Emitting Display)
यह उच्च रिज़ॉल्यूशन के एसएसडी और फ्लैट स्क्रीन वाले मॉनिटर हैं। कैनन और तोसिबा इसका सबसे अच्छा उदाहरण है। एसएसडी CRT मॉनिटर की तुलना में 50% कम बिजली की खपत करते हैं। इस प्रकार के नमूने को बनाने के लिए एक इलेक्ट्रॉन उत्सर्जन मैट्रिक्स और एक फॉस्फोर परत का उपयोग किया जाता है।
Plasma Monitor
यह मॉनिटर के कार्य उच्च Contrast वाली स्क्रीन होती है जिसमें VibrantColor और ब्राइटनेस होती है। यह प्लाज्मा डिस्चार्ज के सिद्धांत पर काम करता है। प्लाज्मा डिस्प्ले CRT से पतले और LCD से चमकीले होते हैं। जब एलसीडी स्क्रीन सस्ती हो गईं, तो प्लाज्मा स्क्रीन का उपयोग धीरे-धीरे कम होने लगा।
रंग के आधार पर मॉनिटर के प्रकार
रंग के आधार पर मॉनिटर को 3 श्रेणियों में विभाजित किया गया है –
- Monochrome (मोनोक्रोम)
- Gray Scale (ग्रे – स्केल)
- Color Monitor (रंगीन मॉनिटर)
Monochrome (मोनोक्रोम)
मोनोक्रोम मॉनिटर्स (मोनोक्रोम) मोनोक्रोम डिस्प्ले हैं, वे ब्लैक एंड व्हाइट में आउटपुट को प्रदर्शित करते हैं।
Gray Scale (ग्रे – स्केल)
ग्रेस्केल मोनोक्रोम के समान है, जो ग्रे के रंगों में आउटपुट को प्रदर्शित करता है।
Color Monitor (रंगीन मॉनिटर)
रंग मॉनिटर उच्च रिज़ॉल्यूशन में छवियां प्रदर्शित कर सकते हैं और परिणाम आरबीजी (लाल नीला हरा) विकिरण परिवर्तन के रूप में प्रदर्शित कर सकते हैं।
मॉनिटर की विशेषताएँ (Feature of Monitor in Hindi)
मॉनिटर की कुछ निम्नलिखित विशेषताएं होती है –
Resolution
रिज़ॉल्यूशन का अर्थ है कि स्क्रीन पर पिक्सेल को कैसे समूहीकृत किया जाता है। ग्राफिक छवि में पिक्सेल प्रमुख तत्वों में से एक हैं। एक मॉनिटर छवि को लाखों पिक्सेल में विभाजित करके एक छवि प्रदर्शित करता है। यह पंक्तियों और स्तंभों में व्यवस्थित है। स्क्रीन पर जितने अधिक पिक्सल होगें स्क्रीन का रेजोल्यूशन (Resolution) भी उतना ही अधिक होगा अर्थात चित्र (Image) उतना ही स्पष्ट होगा।
Dot – Pitch (डॉट-पिच)
डॉट मैट्रिक्स एक प्रकार का मैट्रिक्स है जो दो पिक्सेल के बीच क्षैतिज स्थान दिखाता है। मिलीमीटर में मापा जाता है, यह मॉनिटर की गुणवत्ता का प्रतिनिधित्व करता है। माॅनीटर में डाॅटपिच कम होना चाहिये। इसको फाॅस्फर पिच भी कहा जाता है। कलर माॅनीटर की डाॅट पिच 0.15 MM से .30 MM तक होती है।
Size (साइज़)
मॉनिटर की सबसे महत्वपूर्ण विशेषता इसका आकार है। नमूना आकार ऊंचाई और चौड़ाई में मापा जाता है। एक कंप्यूटर सिस्टम का मॉनिटर एक टेलीविजन स्क्रीन की तरह होता है। गेज को डायलॉग इंच इकाइयों में मापा जाता है।
Refresh Rate (रिफ्रेश रेट)
मॉनिटर रिफ्रेश रेट इंगित करता है कि मॉनिटर को प्रति मिनट कितनी बार रिफ्रेश करना चाहिए। रिफ्रेश रेट और फ्रीक्वेंसी मॉनिटर के लिए मापी जाती हैं।
Interlacing or non Interlacing
यह उन प्रदर्शन तकनीकों में से एक है। जिससे मॉनिटर के रेजोल्यूशन की क्वालिटी बढ़ जाती है। इन्टरलेसिंग माॅनीटर में इलेक्ट्रान गन केवल आधी लाईन खीचती थी क्योंकि इन्टरलेसिंग माॅनीटर एक समय में केवल आधी लाइन को ही रिफ्रेष करता है।
Bit Mapping
पारंपरिक मॉनिटर केवल पाठ प्रदर्शित कर सकते हैं और उनके पास सीमित पिक्सेल होते हैं। जिससे टेक्स बनाया गया। ग्राफ़िक्स बनाने के लिए उपयोग की जाने वाली तकनीक जिसमें टेक्स्ट और ग्राफ़िक्स प्रदर्शित किए जा सकते हैं, बिट मैपिंग कहलाती है। इस तकनीकी में बिट मैप ग्राफिक्स का प्रत्येक पिक्सेल ऑपरेटर के द्वारा नियन्त्रित होता है।
मॉनिटर के फायदे (Advantage of Monitor in Hindi)
मॉनिटर के बहुत सारे फायदे हैं जिनमें से कुछ प्रमुख है –
- आधुनिक एलसीडी मॉनिटर CRT मॉनिटर की तुलना में कम बिजली की खपत करते हैं।
- पुराने मॉनिटर में कैथोड रे ट्यूब का उपयोग किया जाता था, लेकिन आधुनिक मॉनिटर में बैकलाइट और लिक्विड क्रिस्टल डिस्प्ले का उपयोग किया जाता है।
- मॉनिटर एक ग्राफिकल प्रारूप में जानकारी प्रदर्शित करता है जिससे यूजर को समझने में आसानी होती है।
- एलसीडी मॉनिटर की हर इमेज में शार्पनेस होती है।
- टच स्क्रीन माउस और ट्रैकबॉल से तेज होता हैं
मॉनिटर के नुकसान (Disadvantage of Monitor in Hindi)
आधुनिक मॉनिटर के जहाँ बहुत सारे फायदे हैं वही दूसरी ओर इसके कुछ नुकसान भी हैं जैसे कि –
- मॉनिटर थोड़े महंगे हो सकते हैं।
- CRT मॉनिटर अधिक स्थान लेते हैं और ये बहुत भारी भी होते हैं जिसके कारण इन्हें आसानी से एक स्थान से दूसरी स्थान में नहीं ले जाया जा सकता है।
- CRT मॉनिटर बिजली अधिक खपत करते है।
- अधिक समय मॉनिटर पर काम करने से आंखों को नुकसान पहुंचता है।
- मॉनिटर ब्लू ray उत्सर्जित करती है जो मानव आंख के लिए नुकसान दायक होता है।
FAQ: Monitor Kya Hai
मॉनिटर कौन सा डिवाइस है?
मॉनिटर एक आउटपुट डिवाइस है।
मॉनिटर का क्या कार्य है?
मॉनिटर का मुख्य कार्य कंप्यूटर को दिए गए निर्देशों को स्क्रीन में प्रदर्शित करना होता है।
मॉनिटर का पूरा नाम क्या है?
मॉनिटर का पूरा नाम Machine Output Number Of Information To Organize Report है।
LED का पूरा नाम क्या है?
LED का पूरा नाम Light Emitting Diode है।
आखिरी शब्द: आज इस आर्टिकल में हमने बताया Monitor Kya Hai , Monitor Kya Kaam Karta Hai, Monitor Ka Kya Kaam Hai, Monitor Kitne Prakar Ka Hota Hai आदि। हम उम्मीद करते हैं इस आर्टिकल को पढ़ने के बाद आपको मॉनिटर के बारे में अच्छे से जानकारी मिल चुकी होगी। यदि मॉनिटर के बारे में यह पोस्ट आपको पसंद आई है तो इस आर्टिकल लिंक को आप अपने दोस्तो के साथ फेसबुक, व्हाट्सएप, ट्विटर आदि पर जरूर शेयर करें।
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